सतपाल महाराज ने पीड़ित परिवार की मदद को बढ़ाये हाथ
देहरादून। राज्य गठन के बाद पहली बार गुमनाम की जिंदगी जी रहे महान विभूत पंडित नैन सिंह रावत की 7वीं पीढ़ी को उसकी दयनीय हालत देखते हुए आखिरकार राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मदद को बढ़ाये हाथ।
सदियों से उत्तराखण्ड का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है। पहाड़ की किवदंती बने ना जाने कितनी ही प्रतिभाएं लोगो के लिए प्रेणास्रोत बनते आ रहे है।
आज हमारे लिए बड़े दुर्भाग्य की बात है कि ऐसी महान प्रतिभा एवं महान अन्वेषक, सर्वेक्षक व मानचित्रकार के रूप में में नैन सिंह रावत जिन्होंने विश्व मानचित्र पर ना सिर्फ़ तिब्बत को पहचान दिलाई बल्कि हिमालय क्षेत्रो की खोजबीन के लिए अपना पूरा जीवन देश को न्योछावर कर दिया ऐसी शख्सियत को इतिहास भुला बैठा था। 139 साल बाद भारत सरकार द्वारा 27 जून 2004 के डाक टिकट जारी कर उनका गौरव बढ़ाया गया और 187 वी जयंती पर उन्हें गुगल से डूडल बनाकर सम्मानित किया था। आज उत्तराखण्ड सरकार के केबेनेट मन्त्री सतपाल महाराज ने अपने सिचाई विभाग की प्रशानिक टीम को निर्देशित किया। जिसपर विभागीय टीम ने नैन सिंह रावत के परिजनों की खजबींन कर पता लगाया की नैनसिंह की 7 वी पीढ़ी द्वारा 2019 में बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति द्वारा 95000 का लोन लिया गया था जो बाद में दयनीय स्थिति की वजह से चुका पाने में असमर्थ थे। इस पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपनी संस्था मानव सेवा उत्थान सेवा समिति के द्वारा बैंक को उनके कर्ज की अदायगी कर दी। आज आपने आवास सिचाई विभाग कार्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सतपाल महारज व उनकी पत्नी अमृता रावत नेन सिंह 7 वी पीढ़ी पौत्र बहु कमला रावत को सम्म्मनित करते हुए उनकी आर्थिक मदद को बढ़ाये हाथ। इस अवसर पर उनके समक्ष कार्यक्रम के संचालक ऋषिराज डबराल बिग्रेडियर विनोद पसबोल, अभिमन्यु कुमार, दिगम्बर नेगी, प्रकाश थपलियाल आदि लोग मौजूद थे।